सोमवार, 15 जुलाई 2013

मुस्तैद दिल्ली पुलिस या प्रेशर कुकर

दोस्तो कल का ही वाक्या है एक दोस्त के यहाँ जाना हुआ शाम 8 बजे का समय था |उनका कुछ सामान देने जाना था तो मैं भी यश जी के साथ चली गई |वहां जाकर देखा दोस्त के पास एक पुलिस वाला खड़ा था और एक गाड़ी को स्केल से खोलने की कोशिश कर रहा था पर गाड़ी क्योंकि सेंट्रली लॉक थी तो नहीं खुली |कुछ पूछताश से पता चला की गाड़ी जोकि हरियाणा के नंबर की है लाल रंग की परसों सुबह 11 बजे से कोई शराबी खड़ी कर गया था जिसका एक्सील टूट गया था | मैंने कहा अरे कल की खड़ी है तो आपने 100 नंबर पर फ़ोन नहीं किया तो जवाब मिला किया ना भाभी सबसे पहले 100 नंबर पर ही किया तो उन्होंने कहा हाँ देखते हैं उसके बाद हरिनगर थाना में दो बार बोल कर आए | फिर 100 नंबर वाली पीसीआर वैन जो राउंड पर थी उसको भी बोला पर कोई कारवाई नहीं की गई और अब किसी राह जाते पुलिस वाले को पकड़ा तो बहुत मुश्किल से उसने फ़ोन करके क्रेन बुलवाई है ,जो अभी तक आई नहीं थी| मैंने उनको सलाह दी दिल्ली पुलिस के फेसबुक पेज पर डालते तो जल्दी कारवाई हो जाती |
 हम भी लगभग आधा घंटा वहां बैठे तब जाकर क्रेन आई और गाड़ी उठा कर ले गई | अब उनका कहना था कि अगर उसमें बम्ब होता और वोह फट जाता तो हमसे अभी दिल्ली पुलिस उसका हुलिया पूछती घूमती वो कैसा था ?किधर से आया था? क्यों रुका यहाँ ?कहाँ गया ? वगैरह  वगैरह अगर हम बच गए होते तो ,नहीं तो हम कल की न्यूज़ में आपको दिखाई दे रहे होते |
तो बताओ दोस्तो 
  • अब दिल्ली पुलिस को क्या कहें मुस्तैद दिल्ली पुलिस ?
          'आपके साथ हमेशा ' 
  • या प्रेशर कुकर जब प्रेशर पड़ेगा तभी कुछ बनेगा 
दिल्ली पुलिस का रवैया समझना अपने लिए तो मुश्किल है आप ही बताएं क्या दिल्ली पुलिस  कभी अपने स्लोगन पर खुद पूरे उतरेगी  या प्रेशर होगा तभी ही |
गाड़ी की फोटो डाल रही हूँ ,निश्चित हि वोह अभी तक थाना में ही खड़ी  होगी दिल्ली पुलिस फेसबुक पेज पर भी लगा रही हूँ यह |