इन्दु अपने मंडल की पेंशन प्रमुख थी ..किसी भी बुजुर्ग महिला या बहन को पेंशन लगवानी होती तो झट उससे संपर्क करतीं ....
अपनी कॉलोनी की सभी महिलाओं की चाहे वो वृद्ध हो ,विधवा हो या तलाकशुदा हो उसने बिना किसी अड़चन के पेंशन लगवा दी थी ....
समय ने करवट ली ...... उसके पति का आकस्मिक देहांत हो गया ...
कुछ समय बीत जाने पर उसकी एक ख़ास सहेली ने उसे सुझाव दिया ...
भाभी आप ने पेंशन के लिए अपना फॉर्म भरवाया ....
थोड़ा चुप रहकर फिर कहा ..यह तो सरकार दे रही है लेने में क्या हर्ज है ..
इंदु मूक खड़ी थी ...वो उसको कोई जवाब नहीं दे पाई थी जबकि उसने कुछ गलत नहीं कहा था पर ना जाने क्यों उसे चुभ सी गई थी यह बात और उसके दिल से हूक सी उठी थी ...
अपनी कॉलोनी की सभी महिलाओं की चाहे वो वृद्ध हो ,विधवा हो या तलाकशुदा हो उसने बिना किसी अड़चन के पेंशन लगवा दी थी ....
समय ने करवट ली ...... उसके पति का आकस्मिक देहांत हो गया ...
कुछ समय बीत जाने पर उसकी एक ख़ास सहेली ने उसे सुझाव दिया ...
भाभी आप ने पेंशन के लिए अपना फॉर्म भरवाया ....
थोड़ा चुप रहकर फिर कहा ..यह तो सरकार दे रही है लेने में क्या हर्ज है ..
इंदु मूक खड़ी थी ...वो उसको कोई जवाब नहीं दे पाई थी जबकि उसने कुछ गलत नहीं कहा था पर ना जाने क्यों उसे चुभ सी गई थी यह बात और उसके दिल से हूक सी उठी थी ...