गुरुवार, 16 मई 2013

शाबाश दिल्ली पुलिस या तमाशाये क्रिकेट कहिए!!

         I P L       I P L       I P L   
    
इंडियन पैसा लीग या इंडियन प्रॉब्लम लीग 

आम जनता को भरमा रहे ,
अपना पाप हैं ये छुपा रहे |

दिल्ली पुलिस के कमिश्नर नीरज कुमार जी जाते जाते अपने 
कार्यकाल में एक बढ़िया कारनामा करके वाहवाही बटोर रहे हैं
कहीं ऐसा तो नहीं उनका हिस्सा नहीं पहुंचा इसलिए पर्दा फाश

श्रीशांत,अजीत चंदेला, अंकित चौहान गिरफ्तार
स्पॉट फिक्सिंग मनी 1 करोड़ 20 लाख
5 मई .9 मई ,15 मई , स्पॉट फिक्सिंग या फिक्सिंग ही फिक्सिंग
10 लाख का एक बाल , 
60 लाख का तौलिया ,
40 लाख का रिस्ट बैंड 
वह री क्रिकेट !
यह क्या किया श्रीसांत ?
तौलिया तो दाग हटाने के लिए होता है ,आपने तो दाग लगा लिए
अपने दामन पर और क्रिकेट पर 
काले कपडे से मुंह ढकने की क्या जरुरत,जब पूरा मुंह ही काला 
हो गया | 
दाल में कुछ काला या पूरी दाल ही काली

अभी बलि का बकरा बने 
श्रीशांत,अजीत चंदेला, अंकित चौहान|
अब अमित सिंह ,सब राजस्थान रॉयल्स के 
दिल्ली ,कराची ,अहमदाबाद ,दुबई से जुड़े तार 
मास्टरमाइंड देश से बाहर 


आप ही बताएं जो काम एक टीम मिलकर नहीं कर सकती है 
वोह अकेले एक गेंदबाज ने कर दिखाया
असंभव सा लगता है ना ,बिना फील्डरों की मदद के
माना कि उसने गेंद ऐसी डाल दी ,पर जरुरी है कि उस पर 
बल्लेबाज चौका या छक्का मारेगा ही और फील्डर भी चुपचाप 
सब होने देगा |
           जब से हमने क्रिकेट के बारे में जाना है समझा है जाना 
है,हमने तो यही सुना है आज का मैच फिक्स है फलां टीम जीतेगी |

तो आज तक क्यों नहीं पहुँच पाई पुलिस उन तक ?
देखिये इसके तार कहाँ कहाँ पहुंचते हैं ?
अंडरवर्ल्ड का हाथ,हवाला से पैसे की आवाजाही कैसे क्यों ?
यह धंधा नहीं तो क्या है ?
राजीव शुक्ला की चुप्पी का क्या कहें ?

काले कपडे से लिया अब क्यों चेहरा ढांप?
पैसे पकड़ कर न कांपे अब क्यों रहे काँप ?

बुधवार, 8 मई 2013

2G, 3G ,CA G,जीजा G,मामा G,भांजा G,कब सुधरोगे G?


आज दो मुख्य फैसले देश की जनता के लिए आए 
1.कर्नाटक में बीजेपी ने सत्ता खोई 
2.कोयला घोटाला में सुप्रीम कोर्ट की सरकार को फटकार 
       कर्नाटक में बीजेपी की सरकार को जनता ने नकार दिया येदुरप्पा के भ्रष्टाचार के कारण सीधा सीधा 70 सीट का नुकसान हुआ बीजेपी को और 42 सीट का फायदा हुआ कांग्रेस को जबकि भाजपा ने भ्रष्टाचार का साथ नहीं दिया ,फिर भी वोह क्यों हारी ?
          दूसरा बड़ा फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया वोह भी भ्रष्टाचार पर, कोयला घोटाला जिसमें सरकार चारों तरफ से घिरी है पर कुर्सी छोड़ने को तैयार ही नहीं ,कानून मंत्री ,प्रधानमंत्री सब जिसमें सीबीआई का दुरूपयोग करने के कारण सुप्रीम कोर्ट से फटकार खा चुके हैं 
                 कर्नाटक में 7 वर्ष बाद कांग्रेस पूर्ण बहुमत से वापिस आई | उसके हर नेता का यही बयान कि भाजपा भ्रष्टाचार के कारण हारी , इसलिए कर्नाटक की जनता ने उसे नकार दिया ,तो कांग्रेस हर क्षेत्र में फंसी हुई है भ्रष्टाचार के मुद्दे पर, सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही ,जनता लुट रही है ,सीबीआई को सरकार का रट्टू तोता कहा गया |वोह एक जोंक की तरह देश की जनता का खून चूस रही है ,चारों तरफ से घिरी सरकार को कर्नाटक चुनाव जीतने से संजीवनी हाथ लग गई इस जीत को सीढ़ी बना कर वोह 2014 के चुनाव को जीतने की तैयारी में है
इसका आकलन आप करें और जानें कि हमारी सरकार कितनी गिर चुकी है अपने मंत्रिओं को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है| यह तो देश की जनता को सोचना है कि इतने घोटाले करने वाली सरकार, हर बेसिक मुद्दे पर फेल सरकार 

  •  कब सत्ता से बाहर होगी?
  •  कब देश की जनता उसे नकार कर दरकिनार करेगी ?


गुरुवार, 2 मई 2013

आखिर कब तक अपनी बेटी को निर्भया और बेटे को सरबजीत बनाना होगा ?

शुभम दोस्तो

  • आज फिर एक लाश के ऊपर नौकरियो की बौशार हुई है  
  • एक बेगुनाह की बेगुनाही साबित करने की कोशिश हुई उसकी मौत के बाद 
  • फिर से अपने पडोसी ने छुरा घोंपा है ,विश्वासघात किया है 
  • आज फिर से सरकारी तंत्र को होश आया है कुछ पल के लिए
   सरकार की नींद खुलती है एक अनहोनी हो जाने के बाद ,23 वर्ष बहुत लम्बा समय होता है इन्साफ पाने के लिए आखिर क्या कसूर था सरबजीत का और उसके परिवार का,आज उसकी मौत पर पूरा देश सकते में है,अभी 16 दिसम्बर को निर्भया के साथ हुई वीभत्स घटना के बाद भी कुछ ऐसा ही आन्दोलन हुआ देश में ,जैसा आज सरबजीत की बहन ने देशवासियो को झिंझोड़ कर याद दिलाया कि हम इस देश के वासी हैं, 2005 से उसने हर आम ख़ास को अपनी गुहार लगाई ,तब किसी को उसका दुःख नजर क्यों नहीं आया | बहुत सारे सवाल छोड़ गया है सरबजीत फिर से हमारे बीच...
  • क्या सरकार इतनी निकम्मी है कि इसको नहीं नजर आया कि सरबजीत का परिवार कैसे गुजर कर रहा होगा 23 वर्ष तक क्यों नहीं उनको तभी नौकरी दी गई ताकि उनके जख्मों पर कुछ मरहम तो लगाया जा सकता ?
  • आखिर इतने साधन मुहैया करवाने के बाद भी जैसा कि सरकार का कहना है क्यों इतनी बेरोजगारी है ? 
  • क्या एक नौकरी पाने के लिए किसी अपने का मरना जरुरी है ?
  • कब तक चलेगी यह वोट की राजनीति ?
  • अभी और कितने बलिदान होंगे इस सरकार को जगाने के लिए ? 
  • हमें एक घर और एक नौकरी पाने के लिए आखिर कब तक अपनी बेटी को निर्भया और बेटे को सरबजीत बनाना होगा  ?
आखिर कब तक यह सब होता रहेगा लोग मरते रहेंगे हर मसले पर सरकार से एक हल पाने के लिए
आओ स्वयं को इसका हिस्सा माने और अपनी पूरी कोशिश लगाएं इस सरकार की निद्रा भंग करने में